GST Rate Cut Off: दिवाली से पहले साइकिल, पानी बोतल सस्ती और घड़िया, जूते सहित ये चीजें होगीं महंगी

GST Rate Cut Off: जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक शनिवार को हुई जिसमें करीब 100 वस्तुओं पर जीएसटी दरों में बदलाव को लेकर चर्चा की गई। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दर कम करने और विलासिता वाली वस्तुओं पर अधिक कर लगाने का सुझाव दिया गया। इसका उद्देश्य आम उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करना और उच्च मूल्य वाली वस्तुओं पर अधिक राजस्व जुटाना है।

GST Rate Cut Off
GST Rate Cut Off

बैठक के दौरान बोतलबंद पानी, साइकिल और नोटबुक पर जीएसटी दर घटाने की सिफारिश की गई है जबकि महंगी घड़ियों और जूतों पर जीएसटी दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके तहत 20 लीटर और उससे अधिक की बोतलबंद पानी पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% किया जा सकता है। इसी प्रकार 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिल और नोटबुक पर भी 12% से घटाकर 5% जीएसटी करने का प्रस्ताव है।

लग्जरी वस्तुओं पर बढ़ेगा जीएसटी

महंगी वस्तुओं पर कर दरें बढ़ाने का सुझाव भी दिया गया है। इसमें 25,000 रुपये से अधिक कीमत वाली घड़ियों और 15,000 रुपये से ज्यादा कीमत के जूतों पर जीएसटी दर को 18% से बढ़ाकर 28% करने का प्रस्ताव है। इस बदलाव से सरकार को 22,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व का अनुमान है जिससे जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कटौती से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई होगी।

वस्तुमौजूदा जीएसटी दर (%)प्रस्तावित जीएसटी दर (%)
20 लीटर से अधिक बोतलबंद पानी185
10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिल125
नोटबुक125
15,000 रुपये से अधिक कीमत वाले जूते1828
25,000 रुपये से अधिक कीमत वाली घड़ियां1828

बीमा प्रीमियम पर भी राहत की संभावना

जीओएम ने टर्म लाइफ इंश्योरेंस और वरिष्ठ नागरिकों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी में छूट देने की सिफारिश की है। बैठक के दौरान यह सुझाव दिया गया कि 5 लाख रुपये तक की कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी नहीं लगेगा। हालांकि 5 लाख रुपये से अधिक कवरेज वाले हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म पॉलिसी पर मौजूदा 18% जीएसटी जारी रहेगा।

100 से अधिक वस्तुओं पर चर्चा

जीओएम ने 100 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर चर्चा की। इनमें उपभोक्ता वस्तुओं के लिए दर को 12% से घटाकर 5% करने पर जोर दिया गया। साथ ही, विलासिता की श्रेणी में आने वाले उत्पादों जैसे हेयर ड्रायर, हेयर कर्लर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स को 18% से 28% के स्लैब में वापस लाने का सुझाव दिया गया है।

जीओएम द्वारा दिए गए सुझावों पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा। काउंसिल की बैठक में विभिन्न सुझावों पर विचार कर निर्णय लिया जाएगा।

इन दरों में बदलाव से राज्यों और केंद्र सरकार को 22,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। इससे सरकार को सार्वजनिक कल्याण के कार्यों के लिए अधिक वित्तीय संसाधन उपलब्ध होंगे और बीमा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में टैक्स छूट देने की क्षमता भी बढ़ेगी।

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