सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले अपात्र लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। ऐसे लोग जो इस योजना के तहत गेहूं ले रहे हैं लेकिन जिनकी आर्थिक स्थिति मजबूत है या जो इस योजना के लाभ के हकदार नहीं हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के तहत अपात्र लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है। इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को राशन उपलब्ध कराना है जो इसके वास्तव में हकदार हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इसके पात्र नहीं होने के बावजूद इसका लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में सरकार ने इन लोगों पर सख्त कार्रवाई करते हुए वसूली की तैयारी कर ली है।
इन लोगों को नहीं मिलेगा योजना का लाभ
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने परिवहन विभाग और आयकर विभाग को पत्र लिखकर चार पहिया वाहन मालिकों और आयकरदाताओं की सूची मांगी है। यह सूची प्राप्त होते ही उन लोगों को योजना से बाहर कर दिया जाएगा जो इसके योग्य नहीं हैं। विभाग ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि जिनके पास चार पहिया वाहन, 8 बीघा से ज्यादा जमीन, आयकर देने की क्षमता, या 2000 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्र में पक्का मकान है वे इस योजना के तहत गेहूं नहीं उठा सकते।
यह होगा वसूली का नियम
सरकार द्वारा यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि सही मायनों में जरूरतमंद लोगों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके। अगस्त 2024 से पहले उठाए गए गेहूं के लिए अपात्र लोगों से वसूली की जाएगी। जिन लोगों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए गेहूं उठाया है उन्हें 27 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भुगतान करना होगा। अगर कोई भी व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करता है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
खाद्य सुरक्षा योजना की अपात्रता सूची
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कुछ श्रेणियाँ निर्धारित की गई हैं जिनके अनुसार लोग अपात्र माने जाएंगे:
- आयकरदाता या उनका परिवार का सदस्य।
- परिवार का कोई सदस्य जो एक लाख रुपये से अधिक की वार्षिक पेंशन प्राप्त कर रहा है।
- सरकारी, अर्द्ध सरकारी कर्मचारी, स्वायत्तशासी संस्थाओं के अधिकारी-कर्मचारी।
- चार पहिया वाहन मालिक।
- 8 बीघा से अधिक कृषि भूमि का स्वामित्व।
- ग्रामीण क्षेत्र में 2000 वर्ग फीट या नगरपालिका क्षेत्र में 1500 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल में निर्मित पक्का आवासीय परिसर।
अपात्र लाभार्थियों को योजना से निकालने की प्रक्रिया
राज्य सरकार ने जिला कलक्टर और जिला रसद अधिकारियों को अपात्र लाभार्थियों के निष्कासन का अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। इसमें ट्रेक्टर और वाणिज्य वाहनों को छोड़ अन्य चौपहिया वाहन मालिकों को अपात्र की श्रेणी में रखा गया है।
जिन्हें लगता है कि वे इस योजना के तहत आने के योग्य नहीं हैं वे स्वयं अपना नाम योजना से हटवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने पंचायत समिति या नगर परिषद में जाकर एक आवेदन पत्र देना होगा। इससे उनका नाम सूची से हटा दिया जाएगा और वे आगे से इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगे।
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सरकार की इस कार्रवाई से गरीब और जरूरतमंद लोगों को सही तरीके से सहायता मिल सकेगी। इससे अपात्र लाभार्थियों को योजना से हटाकर सही हकदारों को उनका हक मिलेगा। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें और ऐसी ही अपडेट्स पाने के लिए हमारे चैनल को फॉलो करें। यदि आप इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं या अपने सवाल पूछना चाहते हैं तो कृपया नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में लिखें। आपकी राय और सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।