सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के नियमों में बड़ा बदलाव किया है जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू होगा। इस योजना के तहत अगर किसी ने बच्ची के नाम पर खाता खोला है और वह बच्ची का कानूनी अभिभावक या प्राकृतिक माता-पिता नहीं है तो खाता बंद हो सकता है। सरकार की ओर से यह नियम स्पष्ट किया गया है ताकि केवल कानूनी अभिभावक ही खाता संचालित कर सकें।
Sukanya Samriddhi Yojana भारत सरकार द्वारा देश की बेटियों के भविष्य को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत माता-पिता या कानूनी अभिभावक अपनी बेटी के नाम से खाता खुलवाकर उसमें लंबे समय तक निवेश कर सकते हैं। हाल ही में सरकार ने इस योजना के नियमों में कुछ अहम बदलाव किए हैं जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू होंगे। अगर आप इस योजना का लाभ ले रहे हैं तो इन बदलावों को जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
Sukanya Samriddhi Yojana के नए नियम क्या हैं?
सुकन्या योजना के नए नियमों के अनुसार अगर किसी रिश्तेदार जैसे दादा-दादी, चाचा-चाची या अन्य कोई व्यक्ति बच्ची का खाता संचालित कर रहा है और वह कानूनी अभिभावक नहीं है तो उसे खाता कानूनी अभिभावक या माता-पिता को ट्रांसफर करना होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो खाता बंद कर दिया जाएगा। यह बदलाव दादा-दादी या नाना-नानी पर भी लागू होगा अगर वे कानूनी अभिभावक नहीं हैं। इस प्रक्रिया के लिए जरूरी दस्तावेज़ों के साथ बैंक या पोस्ट ऑफिस जाना होगा।
Sukanya Samriddhi Yojana का खाता कैसे ट्रांसफर
सुकन्या समृद्धि खाता ट्रांसफर करना अब सरल है। इसके लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस जाना होगा जहां खाता है और वहां से ट्रांसफर फॉर्म लेना होगा। इस फॉर्म को भरकर आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ जमा करना होगा जैसे:
- खाता पासबुक
- बच्ची का जन्म प्रमाणपत्र
- अभिभावक का आईडी प्रमाण
सुकन्या समृद्धि योजना के उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश की बेटियों को शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत आप बेटी के नाम से खाता खोलकर उसमें नियमित रूप से राशि जमा कर सकते हैं। खाता मैच्योरिटी के बाद बेटी की उच्च शिक्षा या शादी के समय उस राशि का उपयोग किया जा सकता है।
पात्रता (Eligibility)
- खाता खोलने के लिए बेटी की उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए।
- खाता केवल माता-पिता या कानूनी अभिभावक द्वारा ही खोला जा सकता है।
- एक परिवार में अधिकतम दो बेटियों के नाम पर खाता खोला जा सकता है। जुड़वा बेटियों के मामले में अधिक बेटियों के लिए भी खाता खोला जा सकता है।
- इस खाते को खोलने के लिए न्यूनतम ₹250 का निवेश किया जा सकता है। अधिकतम ₹1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष तक जमा कर सकते हैं।
ब्याज दर और लाभ
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत सरकार 8.2% की ब्याज दर प्रदान कर रही है। इस खाते में निवेश की गई राशि पर कंपाउंडिंग के आधार पर ब्याज दिया जाता है जिससे समय के साथ एक बड़ी राशि इकट्ठा हो जाती है।
योजना से मिलने वाले फायदे
- टैक्स में छूट: सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है।
- लंबी अवधि का निवेश: यह योजना बेटी के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने के लिए लंबी अवधि का निवेश प्रदान करती है। खाता 21 साल की उम्र तक चालू रहता है।
- आंशिक निकासी की सुविधा: बेटी की उम्र 18 साल होने पर उसकी उच्च शिक्षा के लिए खाते से 50% राशि निकाली जा सकती है।
Sukanya Samriddhi Yojana से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
- मिनिमम और मैक्सिमम निवेश: सालाना न्यूनतम ₹250 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक का निवेश किया जा सकता है।
- मिनिमम डिपॉजिट न होने पर पेनाल्टी: अगर आप साल में ₹250 की न्यूनतम राशि जमा नहीं करते हैं, तो आपको खाते को फिर से चालू करने के लिए पेनाल्टी के साथ न्यूनतम राशि जमा करनी होगी।
- अकाउंट मैच्योरिटी: खाता बेटी की उम्र 21 साल होने पर मैच्योर होता है। मैच्योरिटी के बाद खाता बंद किया जा सकता है और सारी राशि ब्याज के साथ निकाल ली जा सकती है।